नीति और नियत!कौन दागी कौन दूध के धुले

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✒️संजय वर्मा-गोरखपूर, चौरा चौरी(प्रतिनिधी)मो:-9235885830

गोरखपुर(दि.9ऑक्टोबर):-उक्त बातें कांग्रेस नगर अध्यक्ष संजू वर्मा ने अपने आवास मुंडेरा बाजार सृष्टि रोड वार्ड नंबर 6 पर कही I
आज चुनाव बेलगाम खर्चीला हो चुका है और राजनीति दल का टिकट पाना संजीवनी बूटी जैसा हो गया है!

आज सभी दलों में ‘पैराशूट से उतरे’ नेता, लक्ष्मी पुत्र, बाहुबली या राजनीति विरासत के लोग किसी भी दल से टिकट पाने में कामयाब हो जाते हैं!

राजनीति दलों की एक ही आदर्श हो गया लगता है कि जीतने वाला आदमी चाहिए, क्योंकि संख्या बल से बहुमत मिलता है!

जबकि बहुमत से सरकार और सरकार से जनता को सेवा करने का अवसर।

नैतिकता, नीति और नियत यही है, अब कौन दागी है और दूध के धुले हैं, यह बुद्धिजीवियों के तर्क-वितर्क के मसाला से ज्यादा कुछ नहीं है!

समर्पित कार्यकर्ता को समर्पित होने के लिए कौन कह रहा है? अगर कोई है तो उसकी इच्छा या मजबूरी है।

राजनीति कोई पेशा नहीं, सेवा का क्षेत्र है, फिर टिकट के लिए मारामारी क्यों?

निष्ठा रखिए, समर्पित रहिए, दल की विचारधारा के साथ चलिए, बस!

लेकिन क्या देश की राजनीति में ये सदिच्छाएं अमल में कहीं दिखती हैं!

एक लोकतंत्र के लिए यह चिंताजनक तस्वीर भी कही जा सकती है!!