कैसा अमृत महोत्सव? कौन सी आजादी? दलितों अत्याचार जारी

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✒️मूलचन्द मेधोनिया(सहसंपादक,कबीर मिशन समाचार पत्र)भोपाल,मो:-8878054839

भोपाल(दि.14ऑगस्ट):-देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वहीं दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर बालक को इतना पीटा गया कि जान चली गई। बालक का कसूर बस इतना था कि उसने विद्यालय के मटके से पानी पी लिया था।

घटना राजस्थान जालोर जिला के सुराणा में 20 जुलाई 2022 की है। कक्षा तीसरी में पढ़ने वाला बालक इंद्र मेघवाल द्वारा मटका छू लेने पर अध्यापक छैल सिंह के द्वारा इतनी पिटाई की गई कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

बच्चे को उपचार हेतु अहमदाबाद में एडमिट कराया गया था, जहां उपचार के दौरान दिनांक 13 अगस्त 2022 को सुबह 11 बजे इंद्र की मृत्यु हो गई। मुकदमा दर्ज हुआ है।आश्चर्यजनक है कि एक ओर जहां हम आजादी का ढोल पीट रहे है। वहीं दलितों की आजादी हेतु उनकी हत्या की जा रही है। आखिर यह सब कब तक चलेगा? एक मासूम बच्चे ने मटका छू लिया तो क्या अनर्थ कर डाला। कौन सा धर्म खतरे में आ गया। इतनी बर्बरता, हत्यारे जातिवादी लोग शिक्षक के नाम पर धब्बा है। ऐसे लोग क्या पढायेगें?

ऐसे लोग ही देश में साम्प्रदायिक और जातिवादी है। ये समानता नहीं भेदभाव पैदा कर रहे है। और हत्या जैसा अपराध कर देश में अराजकता का माहौल बना रहे है। ऐसे हत्यारे, संकीर्ण जातिगत भेदभाव करने वाले शिक्षकों को शिक्षण कार्य से बाहर किया जाना चाहिए। शीघ्र प्रभाव से उसकी गिरफ्तारी हो त्वरित कानूनी प्रक्रिया पूरी करके कठोर सजा दी जानी चाहिए। परिजनों को मुआवजा मिले। तथा स्कूल सिस्टम भेदभाव मुक्त बनाया जाये। सर्वजन आजादी से शांति पूर्वक रहे। तभी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की सार्थकता होगी।