कामगारों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा-13 सिंतबर को कांग्रेस कामगार कर्मचारी कलेक्ट्रेट को घेरेंगे

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✒️मूलचन्द मेधोनिया(विशेषशेष प्रतिनिधी,भोपाल)मो:-8878054839

छिंदवाड़ा(दि.6सप्टेंबर):-असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा की अगुआई में स्कूलों में पदस्थ सैकडों भृत्यों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर वेतन विसंगति दूर कर न्यूनतम वेतन एवं नियमितीकरण की मांग को लेकर कलेक्टर को मांगपत्र दिया गया। प्रदर्शन के दौरान 13 सितंबर को बडी संख्या में विधानसभा घेराव में शामिल होने का ऐलान किया। इस दौरान जयकुमार डेहरिया, विनोद सल्लाम, संदीप सिंगोतिया, श्रीमती संत कुमारी डेहरिया, आशा डेहरिया, रामदीन कहार, प्रमोद शर्मा, राजकुमार कहार, जगदीश नागवंशी, जमुना साहू, मस्तराम बडकडे, सुरेश पवार, जीत लाल कुमरे, वीरेंद्र कहार, नितेश डेहरिया, प्रकाश अहिरवार, श्याम सिगोतिया सहित बडी संख्या में लघु वेतन कर्मचारी शामिल रहे, जिन्होंने इंदिरा तिराहे पर धरना दिया और जुलूस की शक्ल में अंशकालीन कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां दो घंटे तक जोरदार नारेबाजी की गई

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा जनजातीय एवं स्कूल शिक्षा विभाग में काम करने वाले भृत्य भुखमरी के वेतन पर काम करने को मजबूर है, जिन्हें 4 से 6 हजार तक वेतन मिलता है, विभाग कलेक्ट्रेट दर पर भुगतान नहीं कर रहे है, जबकि कानून सभी भृत्य को कलेक्ट्रेट दर पर वेतन पाने का अधिकार देता हैं।
शर्मा ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में अंशकालीन भृत्यों की नियुक्ति शिक्षाकर्मियों के साथ एक ही भर्ती नीति के तहत हुई थी, शिक्षाकर्मी तो नियमित हो गए लेकिन अंशकालीन भृत्य अब भी 5000 रूपए में काम कर रहे हैं, चिंताजनक बात तो यह है कि इन्हें नियमित करना तो दूर कभी कलेक्टर द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिला। कर्मचारी वर्ग के सबसे निचले पायदान के इन भृत्यों के साथ कलेक्ट्रेट से लेकर स्कूल तक में अन्याय हो रहा है और अधिकारी तमाशबीन बने हुए हैं।

शर्मा ने कहा कि जिले के भृत्यों ने 20-22 साल में कलेक्ट्रेट में सैकडों आवेदन देकर शासन प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की हैं, लेकिन अधिकारियों ने उनके मांगपत्र तक नहीं पढे, जिस कारण अन्याय जारी है। भृत्यों के साथ जानबूझकर अन्याय इसलिए किया गया कि वे गरीब एवं कम पढे लिखें हैं, इस आधार पर विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा अन्याय किया जाना चिंता की बात है। शर्मा ने कहा कि आदिम जाति विभाग के स्कूलों के कुछ अंशकालीन भृत्यों को नियमित कर विभाग का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी भी बनाया गया है, लेकिन यह चुन चुनकर हुआ जबकि सभी को नियमित करने का आदेश था। शर्मा उपस्थित भृत्यों को एकजुट होकर अपने हक के लिए लडने का आव्बान किया, ऐसा करने से ही आपके साथ न्याय होगा।