13 सितंबर: विधानसभा घेराव ठेका कर्मचारियों के द्वारा भोपाल में होगा

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✒️मूलचन्द मेधोनिया(पत्रकार भोपाल)मो:-8878054839

भोपाल-मध्यप्रदेश(दि.10सप्टेंबर):-आउटसोर्स के लिए कमलनाथ सरकार में श्रमायुक्त का आदेश, तीन साल नौकरी कर चुके आउटसोर्स कर्मियों को मिले 23,780 रूपए वेतन, 5 साल वालों को 28,770 रूपए वासुदेव_शर्मा जैसे जैसे आल डिपार्टमेंट आउटसोर्स ठेका अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की 13 सितंबर विधानसभा घेराव की तैयारियां गति पकड़ रही हैं, वैसे वैसे भाजपा के श्रमिक संगठन बीएमएस से जुडे कर्मचारी नेता विधानसभा घेराव पर तरह तरह के सवाल करने लगे हैं, उनमें एक सवाल यह है कि “15 महीने की कमलनाथ सरकार ने आउटसोर्सकर्मियों के लिए क्या किया?” यह सवाल करने वालों में भोपाल में बैठे मठाधीश कर्मचारी नेता है जिनका ताल्लुक राज्य कर्मचारी संघ, राज्य शिक्षक संघ से रहा है।

इनके सवाल का जबाव श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन का उक्त आदेश है जो 13 दिसंबर 2019 को जारी हुआ, तब मप्र में माननीय कमलनाथजी की सरकार थी। माननीय कमलमाथजी से सितंबर 2019 में गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों का 60 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में मिला था, जिसमें आउटसोर्स कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि के रूप में मनोज भार्गव, रीतेश देवनाथ, साजिद सहित 10 सदस्य शामिल रहे थे। माननीय कमलनाथजी मुख्यमंत्री कार्यालय बल्लभ भवन में हुई बैठक एक घंटे तक चली थी, बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों की पहली प्रतिक्रिया थी कि जीवन में पहली बार ऐसी बैठक हुई है। इस बैठक के बाद हर छोटे कर्मचारी में यह उम्मीद जागी कि माननीय कमलनाथजी ही आउटसोर्स, अस्थाई, अतिथि, ठेका कर्मचारियों का भविष्य संवारेंगे।

बहरहाल, इस बैठक के तीन महीने बाद दो महत्वपूर्ण चर्चाएं कर्मचारी जगत में चर्चा का केंद्र रहीं;पहली, आउटसोर्स कर्मियों के लिए पालिसी बनाकर उन्हें जॉब गारंटी एवं केंद्र के समान न्यूनतम वेतन देना। 12 दिसंबर 2019 का श्रमायुक्त का आदेश आउटसोर्स को सुरक्षित करने की दिशा में पहला कदम था। (आदेश के सभी पांचों पैरों को गंभीरता पढें।) इसके आगे भी बहुत कुछ होता, इससे पहले मार्च 2020 में कमलनाथजी की सरकार गिरा दी गई, जिसका सबसे अघिक नुकसान आउटसोर्सकर्मियों को हुआ।

दूसरा, अतिथि शिक्षकों को 12 महीने का सेवाकाल वर्ग-3 को 10 हजार, वर्ग-2 को 15 हजार एवं वर्ग-1 को 20 हजार फिक्स वेतन। आने वाले महीनों में अतिथि शिक्षकों लिए जारी हुए आदेश भी सार्वजनिक किए जाएंगे। अतिथि शिक्षकों के नेता जगदीश शास्त्री उन सभी बैठकों में मेरे साथ उपस्थित रहे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी के साथ हुईं थीं।

भाजपा की शिवराज सरकार ने आउटसोर्सकर्मियों के लिए जारी हुए उक्त महत्वपूर्ण आदेश को दबाकर रख लिया है, शिवराज सरकार, कमलनाथ सरकार के समय जारी हुए आदेश के ही लागू कर देती है, उससे ही आफटसोर्सकर्मियों को बडी राहत मिल सकती है, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगी।

आदेश लागू करने की वजाय शिवराज सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों को प्रताड़ित करना शुरू किया है, दो साल में बडी संख्या में सभी विभागों से आउटसोर्सकर्मियों को निकाला गया है, हाल ही में शिक्षा विभाग के 200 से अधिक व्यावसायिक प्रशिक्षकों को घर बिठा गया है, इतना ही नहीं वेतन भी कम किए गए हैं, छिंदवाडा के मीटर रीडरों के 3,500 रूपए कम कर दिए हैं, इसी तरह स्कूलों के भृत्य एवं छात्रावासों में काम करने वाले क्लास-4 के अस्थाई कर्मियों के वेतन भी 9 हजार से घटाकर 4-5 तक किए गए हैं।

इसीलिए अब आउटसोर्स, ठेका, अस्थाई कर्मचारियों का एक साथ आना और मिलकर सरकार से संघर्ष करना जरूरी है, ऐसा करके ही हम लेग बच पाएंगे वरना शिवराज सरकार ने भूखों मारने का पूरा इंतजाम कर दिया है।आईए,13 सितंबर को 12 बजे तक चिनार पार्क, भोपाल पहुंचे,विधानसभा घेराव को ऐतिहासिक बनाएं!