जिद्दी बन कर अपने लक्ष्य को हासिल करने की सीख

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🔹बचपन ही जीवन का वास्तविक सौंदर्य

✒️संजय वर्मा-गोरखपूर, चौरा चौरी(प्रतिनिधी)मो:-9235885830

गोरखपुर(दि.31ऑक्टोबर):-उक्त बातें समाजसेवी संजू वर्मा ने चौरी चौरा मुंडेरा बाजार अपने आवास सृष्टि रोड वार्ड नंबर 6 पर कही lहर व्यक्ति कैसे अपने अतीत की यादों को निहारता है इसका विश्लेषण प्रभावकारी है।बाल्यावस्था, युवावस्था और वृद्धावस्था को सापेक्ष मानते हुए बचपन की असीम खुशी वाले पल को सौंदर्य के गहने से इस प्रकार चित्रित किया गया है।कि ऐसा लगता है कि बचपन ही जीवन का वास्तविक सौंदर्य है।जीवन का सौंदर्य बनाए रखने के लिए बचपन की सलामती जरूरी है।

बचपन के पल वर्ष, मास, पक्ष, सप्ताह, दिन, रात, घड़ी, घंटा में समाप्त होते रहते हैं।जिज्ञासु व्यक्ति सदा अपने बचपन को जीवित रखना चाहता है। इस कारण क्रियाशील रहता है।निष्क्रिय व्यक्ति बचपन की अवस्था में रह कर भी सोच के मामले में प्रौढ़ावस्था धारण किए हुए रहता है।बचपन बचाने के लिए मानसिक स्थिति भी बचपने से भरा ही होना चाहिए।

अगर स्वर्ग में पहुंचने की इच्छा है तो पहले बालक बनो!यह वाक्य अपने आप में बेहद अहम है,जिद्दी बन कर अपने लक्ष्य को हासिल करने की सीख बचपन से ही आती है।