मास्क ही कोरोना से बचाव का कारगर साधन

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कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN. 1 ने एक बार फिर हलचल मचा दी है दी है. यह दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है. भारत में अब तक इसके 21 मामले सामने आए हैं. कोरोना के सभी मामलों को देखा जाए तो देश भर में 624 नए केस मिले, जो 21 मई 2023 के बाद से यानी पिछले 7 महीनों में एक दिन में दर्ज हुई सबसे ज्यादा संख्या है. पिछले 2 सप्ताह में भारत में कोरोना से 16 मौतें हुई हैं. वैसे तो ‘कोरोना की पिछली लहरों के मुकाबले यह संख्या गंभीर नहीं कही जाएगी, लेकिन शुरू में धीरे और फिर तेजी से फैलाव की इसकी प्रवृत्ति को देखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा सकती. इसीलिए सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया है. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने टेस्टिंग बढ़ाने, सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने और सभी केसों की रिपोर्टिंग करने पर जोर दिया.

महामारी शुरू होने के बाद से ही हम कोरोना के चले जाने और इसके फिर से आ धमकने की घोषणाएं सुनते रहे हैं. यह बात समझने की है कि कोरोना वायरस कभी गया नहीं था. न ही यह जाएगा. यह हमारे इकोसिस्टम का हिस्सा बन चुका है और यहीं बना रहेगा. समय-समय पर इसके नए-नए वेरिएंट आते रहेंगे और हमें उनसे बचने और निपटने के तरीके अपनाते रहने होंगे.

जहां तक इसके नए सब-वेरिएंट JN.1 का सवाल है तो WHO ने भी इस पर नजर रखने की जरूरत बताई है. यह ऐसे समय उभरा है, जब पहले टीका ले चुके या इसकी चपेट में आ चुके लोगों में बनी एंटी बॉडी कमजोर हो चुकी है. इसके अलावा यह ठंड का मौसम है, जो वायरस के अनुकूल पड़ता है.

भारत और अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जब नए वायरस की जीनोम एनालिसिस बढ़ेगी तो इसके व्यवहार से ने पता चलेगा कि इसकी संक्रामक और मारक शक्ति कितनी कम या ने ज्यादा है. लेकिन अब तक अन्य देशों के अनुभव से ऐसा नहीं लगता कि इसकी मारक शक्ति ज्यादा है. अगर संक्रमण तेजी से फैलता है तो भी इसका वास्तविक असर इस बात पर निर्भर करेगा कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या ज्यादा है या नहीं.

लेकिन 2-3 दिनों का हल्का खांसी बुखार भी न केवल लोगों की सेहत पर असर डालता है बल्कि दफ्तर में मौजूदगी को भी प्रभावित करता है. ऐसे में इसे हलके में लेने का कोई कारण नहीं है. अच्छी बात यह है कि जानकारों के मुताबिक चाहे नया सब-वेरिएंट हो या कोरोना के पुराने वेरिएंट, अच्छी क्वॉलिटी का फेस मास्क इससे बचाव का कारगर साधन है. इसलिए घबराने की बात नहीं है, लेकिन भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और अन्य सावधानियां बरतना हमें बड़ी परेशानियों से बचा सकता है.