बाल विकास (आई सी डी एस.) विभाग की लापरवाही से आदिवासी छात्रा छात्रवृत्ती के लाभ से वंचीत

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🔸चिमूर एकात्मीक बाल विकास परियोजना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारी पर कारवाई की मांग

✒️सुयोग सुरेश डांगे(विशेष प्रतिनिधी)मो:-8605592830

चिमूर(दि.1मार्च):-एकात्मीक बाल विकास परियोजना अंतर्गत आनेवाले ग्राम उसेगाव की छात्रा को अधिकारी की लापरवाही के चलते छात्रवृत्ती के लाभ से वंचीत होना पडा है. दिपाली प्रकाश दडमल नामक छात्रा ने इस संदर्भ मे उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारी पर कारवाई की मांग की है.

जिला परिषद चंद्रपूर की ओर से दसवी व बारहवी उतीर्ण अठारह वर्ष से कम उम्र वाली छात्राओ को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये शिष्यवृत्ती दी जाती है. पिडीत छात्रा ने वर्ष 2022 मे कन्या कनिष्ठ महावियालय नेरी से बारहवी की परीक्षा 72 प्रतिशत अंक से उतीर्ण की थी. उक्त योजना के संदर्भ मे गांव की अंगणवाडी सेविका के माध्यम से आवेदन कर आवश्यक कागजपत्रो की पुर्तता की थी. जिला परिषद की ओर से चयनीत सुची मे छात्रा का नाम सामील किया गया था. छात्रा को उसका अकाउंट नंबर तथा अन्य दस्तावेज भी मांगे गये थे.

आवश्यक डाक्युमेंट्स की पुर्तता करने के बाद छात्रा कई बार परियोजन कार्यालय मे पुछती रही. उसे कई बार यह बताया गया की निधी आने मे समय लगता है. तो कभी यह भी बताया गया की नाम मे गडबडी से दुसरे के अकांउट मे पैसे चले गये. आज जब वह अधिकारी से मिली तो बताया गया की निधी वापस भेज दिया गया. छात्रा ने आरोप लगाया की उसे हर बार नया बहाना बताया गया इतना ही नही अपनी लापरवाही को छुपाने के लिये हर बार संदिग्ध जानकारी दी गई. सुदुर अंचल के गरीबी रेखा के निचे जिवनयापन करने वाले परिवारो को शिक्षा की मुख्य धारा मे लाने का सरकार जहा एक ओर हरसंभव प्रयास कर रही है वही दुसरी ओर सरकार के नुमाइंदे इसमे सुरुंग लगा रहे है. देखना यह होगा की अब जिला परिषद मुख्याधिकारी इसमे पिडीता को कैसे न्याय देते है.

इस संदर्भ मे उक्त प्रतिनिधि ने एकात्मीक बाल विकास अधिकारी पुनम गेडाम से प्रतिक्रिया ली. उन्होने बताया की विहीत समय मे छात्रा ने कार्यालय मे संपर्क नही किया जिससे निधी वापस भेजना पडा.