महात्मा गांधीजी का जिवन एवम सिद्धांत का दर्शन- गांधी रिसर्च फांउंडेशन

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महात्मा गांधीजीने गावो के समग्र व संपोषित विकास के लिए सर्वोदय आधारित ग्राम स्वराज की अवधारणा प्रस्तुत की। इस संकल्प को उजागर करणे हेतु जलगाव के जैन हिल्स पर गांधी तीर्थ स्थापीत है। हाल ही में विदर्भ के ३० डिजीटल पत्रकारोंका अध्ययन दौरा हुआ। इस दौरान भवरलाल जैन (मोठे भाऊ) द्वारा स्थापित गांधी तीर्थ का दर्शन करणे का अवसर प्राप्त हुआ। गांधी तीर्थ के बारे मे संक्षिप्त रूपसे पाठकोंको जानकारी देने हेतु यह आलेख प्रकाशित कर रहे है -(सुरेश डांगे, संपादक)

 

▪️गांधी रिसर्च फाउंडेशन की संक्षिप्त जानकारी▪️

 

🔸लक्ष्य – गाँधीजी के जीवन मूल्यों को स्थापित करना। सत्य, अहिंसा, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्य, सद्भाव और श्रम की भावना का वैश्विक स्तर पर विकास करना।

🔸संकल्प-भावी पीढ़ी को संस्कारित करने के लिये उसे गाँधीजी के जीवन, विचार और कार्यों से अवगत कराना।

आज की वर्तमान वैश्विक परिस्थिति किसी भी प्रबुद्ध व्यक्ति को इस बात के लिये विवश करती है कि, वह विश्व द्वारा मान्य विकास के नये प्रतिमानों के आलोक में भारतीय मूल्य प्रणाली का पुनर्निरीक्षण करे और स्थायी सभ्यता के लिए महात्मा गाँधी द्वारा बताये तथा उनके द्वारा आचरित सत्य और अहिंसा के शाश्वत मूल्यों पर आधारित नये विकल्पों पर चिन्तन करे। आज विश्व इस सभ्यता के प्रति सजग हो गया है, यह संयुक्त राष्ट्रसंघ की उस पहल से सिद्ध हो जाता है जिसमें उसने २ अक्टूबर, गाँधी जयन्ती को अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा और शांति दिवस के रूप में घोषित किया है। भगवान महावीर, गौतम बुद्ध और जीसस जैसे महान ऋषि और महात्माओं ने हमें प्रेम और अहिंसा का सिद्धान्त दिया। किन्तु इन गुरुओं की शिक्षा के मूल में केवल वैयक्तिक चेतना का रुपान्तरण था। गाँधीजी के दर्शन और विचार सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में समन्वित हुए। उन्होंने अहिंसा को वैश्विक न्याय प्राप्ति हेतु संघर्ष के लिये एक कारगर हथियार के रूप में विकसित किया। विश्व- इतिहास में पहली बार उन्होंने अच्छे साध्य की प्राप्ति हेतु साधन की शुचिता पर बल दिया और कहा कि, ‘जैसा साधन होगा वैसा ही साध्य होगा’।

आज विश्व निश्चित रूप से एक बहुआयामी संकट के दौर से गुजर रहा है। लोग उसके समाधान के प्रति चिंतित हैं। इसलिये आज गम्भीर सोचयुक्त, ईमानदार लोगों का ध्यान महात्मा गाँधी द्वारा सुझाये गये समाधानों की तरफ आकृष्ट करना होगा क्योंकि गाँधीजी मूलतः कार्य की पूर्णता में विश्वास करने वाले व्यक्ति थे और मानव-सम्मुख समस्याओं के समाधान का जो उपाय उन्होंने सुझाया, वह नैतिक सिद्धान्तों पर आधारित था। इसलिये समकालीन समस्याओं के समाधान हेतु गाँधीजी का जीवन-दर्शन और उनके सिद्धान्त आज अधिक प्रासंगिक हैं। यह सच है कि आज विश्व के चारों तरफ लोगों का एक बड़ा वर्ग गाँधीजी के जीवन, दर्शन और कार्यों का अध्ययन करने हेतु प्रयासरत है। गाँधीजी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों पर किए जा रहे प्रयोगों में लगातार अभिवृद्धि हो रही है। उन्हें कालातीत प्रेरक के रुप में देखा जा रहा है।

यह सब केवल गाँधीजी के जीवन और सिद्धान्तों के प्रचार-प्रसार के लिये ही आवश्यक नहीं है, अपितु उन्हें भावी पीढ़ी हेतु संरक्षित रखने के लिये भी आवश्यक है। गाँधी तीर्थ जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय शोध-संस्थान, एक स्मारकीय संग्रहालय, एक विशाल पुस्तकालय एवं एक आधुनिक अभिलेखागार है, की परिकल्पना और निर्माण इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु की गयी है। मानवता को समर्पित इस गाँधी तीर्थ का लोकार्पण महामहिम राष्ट्रपति माननीया श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के करकमलों द्वारा २५ मार्च २०१२ को किया गया।

▪️शैक्षणिक गतिविधियां▪️

🔸महात्मा गाँधी के विचारों का प्रचार-प्रसार और शोध कार्य हेतु देश- विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षिक अनुबंध ।

🔸 गाँधी विचार आधारित सर्टिफिकेट तथा समाज कार्य स्नातकोत्तर डिप्लोमा जैसे अभ्यासक्रम के माध्यम से कार्यकर्ता निर्माण एवं नेतृत्व विकास की दिशा में विविध पाठ्यक्रम कार्यान्वित ।

🔸गाँधी मूल्यों के प्रसार के लिए अहिंसा, शांति, संघर्ष निवारण एवं कौशल्य विकास जैसे विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।

🔸 वैचारिक आदान-प्रदान के उद्देश्य से हर साल राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।

🔸कृषि व्यवसाय, शाश्वत स्थिरता, सशक्तीकरण, शांति व अहिंसा जैसे अनेक विषयों पर राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन ।

🔸 शोध कार्य को सार्थक करने के लिये फाउण्डेशन के प्रांगण में अत्याधुनिक सुविधायुक्त ग्रंथालय तथा अभिलेखागार।

▪️गाँधी विचार संस्कार परीक्षा▪️

 

🔸शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य द्वारा युवा पीढ़ी में शाश्वत जीवन मूल्यों एवं आदर्शों का बीजारोपण कर उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने हेतु विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में गाँधी विचार संस्कार परीक्षा का आयोजन।

🔸 कारागृह में बंदीजनों को गाँधी मूल्यों के विषय में शिक्षित करने तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु परीक्षा व व्याख्यानमाला जैसी अन्य गतिविधियां कार्यरत ।

🔸 पिछले एक दशक के दौरान जापान, फ्रान्स एवं भारत के विभिन्न राज्यों के करीब दस लाख से अधिक छात्र प्रत्यक्ष रुप से इस परीक्षा में सम्मिलित हुए है। मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी तथा कन्नड़ भाषामें यह परीक्षा आयोजित हो रही है। आनेवाले समय में विभिन्न प्रादेशिक भाषाओं का समावेश शीघ्र ही होने वाला है।

▪️गाँधी विचार प्रसार▪️

🔸गाँधी विचारों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए फाउण्डेशन की ओर से समय-समय पर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्याख्यानमाला, सम्मेलन एवं कार्यशालाओं का आयोजन।

🔸महात्मा गांधीजी का जिवन एवम सिद्धांत का दर्शन- गांधी रिसर्च फांउंडेशन देश-विदेश में ‘मोहन से महात्मा’ चित्र प्रदर्शनी का आयोजन।

🔸 गाँधीजी तथा अन्य राष्ट्र पुरुषों की जयंती पर विविध कार्यक्रम, अहिंसा सद्भावना यात्रा एवं विविध सामाजिक विषयों की जागरूकता के लिए गाँवों में पदयात्राओं का आयोजन, खादी व चरखा प्रदर्शनी, सूत कताई कार्यक्रम, गाँधी कथा, गाँधीजी के जीवन पर निर्देशित नाटक तथा संगीत-संध्या जैसे अनेक कार्यक्रमों का आयोजन।

🔸 छात्रों के लिए पुस्तकालय विचार पुस्तकालय, निबंध, गीत-गायन, वाग्मिता संगीत आदि का आयोजन ।

🔸गाँधी विचार के सन्दर्भ में विभिन्न समकालीन मुद्दों के निराकरण हेतु विचार विमर्श करने के लिए अपने क्षेत्र के विशिष्ट विद्वानों से युक्त एक ‘थिंक टैंक’ का गठन।

 

▪️प्रकाशन▪️

 

🔸अप्रकाशित तथा दुर्लभ ग्रन्थों का एवं शोध आलेखों का विविध ग्रंथों के माध्यम से प्रकाशन।

🔸फाउण्डेशन के अभिलेखागार में संकलित साहित्य के माध्यम से शोध आधारित त्रैमासिक पत्रिका ‘खोज गाँधीजी की’ का प्रकाशन।

▪️गांधी साहित्य संग्रह▪️

फाउण्डेशन के प्रांगण में अत्याधुनिक संरक्षण विधि एवं अभिलेखागार के माध्यम से गाँधीजी, विनोबा एवं स्वातंत्र्य संग्राम से जुडे प्रकाशित- अप्रकाशित साहित्य का संग्रह तथा संरक्षण किया जा रहा है।

🔸महात्मा गाँधी से सम्बन्धित पत्रों तथा अन्य दस्तावेजों के ३.७ लाख डिजिटल पृष्ठों का संग्रहः गाँधीजी द्वारा सम्पादित और प्रकाशित ५००० से अधिक पत्र-पत्रिकाओं का संग्रह।

🔸महात्मा गाँधी के मूल आवाज में १५२ भाषण, ८५ फिल्में तथा विनोबाजी के ३५० से अधिक भाषण।

🔸महादेवभाई देसाई और मनुबेन गाँधी द्वारा लिखी डायरियां ।महात्मा गाँधी द्वारा और उन पर दूसरों द्वारा लिखित १०,००० ग्रंथों का संकलन।

🔸 छायाचित्र-पुरालेख में गाँधीजी पर ५००० से अधिक फोटोग्राफ्स, विनोबा भावे पर ४२५० फोटोग्राफ्स, तथा स्वातंत्र्य संग्राम से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों, घटनाओं तथा विभिन्न स्थानों को दर्शाते हुए ५७५० फोटोग्राफ्स का अनूठा संग्रह।

🔸गाँधीजी द्वारा निसर्गोपचार के लिये प्रयोग में लाया हुआ गमछा, सादा कपड़ा, चादर, धोती तथा गलीचा एवं १९३६ में फैजपूर काँग्रेस अधिवेशन के दौरान उपयोग में लाई वस्तुएं सूतीमाला, पादुका, चप्पल एवं नहाने का पत्थर का अत्याधुनिक तकनीक से संरक्षण।

🔸महात्मा गाँधी पर ११९ देशों के डाक टिकटों का अनुपम संग्रह।

🔸 गाँधीजी पर प्रकाशित चलणी नोट, सिक्के, स्मरणीय सिक्के और मेडल्स का संग्रह।

▪️ग्राम विकास कार्यक्रम▪️

 

🔸महात्मा गाँधी ने गाँवों के समग्र व संपोषित विकास के लिए सर्वोदय आधारित ग्राम स्वराज की अवधारणा प्रस्तुत की। गाँवों के शाश्वत विकास के लिये फाउण्डेशन द्वारा जलगाँव के इर्दगिर्द स्थित ३० गाँवों में रचनात्मक गतिविधियां कार्यरत है।

🔸’जल तपस्वी भवरलालजी जैन जल संधारण योजना’ के अंतर्गत क्षेत्र कार्य के गावों में जल संरक्षण कार्यक्रम।

🔸 ‘कांताई ग्राम समृद्धि योजना’ के माध्यम से महिला सशक्तीकरण।

🔸दंत चिकित्सा एवं मोतीबिंदु शत्र कार्यक्रम के अंतर्गत दंत चिकित्सा कार्यक्रम।

🔸ग्रामीण स्वच्छता अभियान तथा पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन कार्यक्रम।

🔸गाँव में स्थित विद्यालयों में शिक्षा साहित्य तथा खेल सम्बन्धित साधन सामग्री का वितरण।

🔸युवा वर्ग में परिश्रम आधारित संस्कृति का निर्माण करने के लिए फाउण्डेशन द्वारा युवा शिविरों का आयोजन ।

🔸किसानों के समूह तैयार कर लोक संस्था आधारित किसान उत्पादक संघ का निर्माण करना आदि गतिविधियों के माध्यम से समुदाय के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन को प्रभावित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

▪️गाँधी तीर्थ की विशेषताएं▪️

🔸फाउण्डेशन के विविध आयामों के जरिए गाँधी विचार दर्शन को जन समुदाय तक पहुँचाने का एक अभिनव प्रकल्प गाँधी तीर्थ के रूप में प्रारम्भ किया है। २५ मार्च २०१२ को यह अलौकिक धरोहर राष्ट्र एवं विश्व कल्याण के लिए मानवता को समर्पित किया।

🔸ग्रीन बिल्डींग के निर्धारित मानदण्डों के अनुसार ८९,००० वर्ग फीट में जोधपुर पत्थरों द्वारा निर्मित, ८.५ रिक्टर स्केल भुकंप प्रतिरोधक सदियों तक टिकाऊ भवन।

🔸 ‘खोज गाँधीजी की’ भारत ही नहीं अपितु विश्व का पहला एक मात्र संग्रहालय जहाँ महात्मा गाँधी के जीवन-दर्शन को ३० खंडों में अत्याधुनिक मल्टीमीडिया के माध्यम से दर्शाया गया है।

🔸 इस वातानुकूलित संग्रहालय की संपूर्ण यात्रा में अत्याधुनिक टच स्क्रीन, बाईस्कोप, डिजिटल युक्स, एनिमेशन और संकेत प्रदर्शित करने वाली सामग्री का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा यहाँ तीन आयामी भित्ति चित्रों (3 dimensional Murals) भी है।

🔸यह अलौकिक यात्रा का अनुभव श्रव्यनिर्देशित उपकरण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी तीन भाषा में आडियो

🔸 गाइड उपलब्ध है। सूत कातते महात्मा गाँधी का हूबहू पुतला संग्रहालय में स्थित है।

जैन हिल्स के सुंदर प्रांगण में अवस्थित इस अद्वितीय स्मारक की संरचना का निर्माण पर्यावरण पूरक तत्वों से किया गया हैं, जहाँ बिजली के लिये पुनर्नवीकरणीय (सौर एवं बायोगैस) ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।

🔸 गाँधी तीर्थ संग्रहालय को ग्रिहा पुरस्कार, लीड इंडिया द्वारा ग्रीन बिल्डींग प्लैटिनम श्रेणी पुरस्कार, आर्टिस्ट इन कांक्रीट अवार्ड एशिया फेस्टिवल २०१३-१४ विजेता भवन तथा बॉम्बे चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री की ओर से आर्ट, कल्चर व हेरिटेज के अंतर्गत पुरस्कृत किया गया है।

*महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम की ‘महाभ्रमण’ योजना अंतर्गत पर्यटन स्थल के रुप में शामिल।

🔸 सन् २०१२ से अब तक करीब चार लाख से अधिक लोगों ने गाँधी तीर्थ की मुलाकात की है।

🔸संग्रहालय देखने में २.३०-३.०० घंटे का समय लगता है। प्रत्येक ग्रुप के लिए व्यक्तिगत गाइड की सुविधा उपलब्ध है।

▪️अन्य सुविधाएं▪️

🔸२५० प्रेक्षकों की क्षमता वाला सर्व सुविधायुक्त प्रेक्षागृह, रंगभूमि एवं चार विस्तीर्ण सभागृह

पुस्तकें, खादी-चस्व, उपहार तथा हस्तनिर्मित कलाकृतियों से सुसज्जित विक्रय केन्द्र अल्पाहार हेतु फुडकोर्ट (भोजन प्रांगण)
🔸 बाहरी दर्शकों हेतु आराम दायक अतिथि-गृह

🔸 घुडसवारी व बैलगाड़ी का अतिरिक्त आकर्षण

🔸बैटरी चालित कार, फोटोग्राफर और लाकर्स की सुविधा,विस्तृत जाणकारी हेतु फोन. ०२५७-२२६४८०१ पर संपर्क कर सकते हे