ध्वनि प्रदूषण और हवा में प्रदूषण का बढ़ना चिंताजनक

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✒️संजय वर्मा-गोरखपूर,चौरा चौरी(प्रतिनिधी)मो:-9235885830

गोरखपुर(दि.6नोव्हेंबर):-उक्त बातें सृष्टि धर्मार्थ सेवा संस्थान के प्रबंधक संजू वर्मा ने अपने आवास चौरी चौरा मुंडेरा बाजार वार्ड नंबर 6 सृष्टि रोड पर कहीlध्वनि प्रदूषण और हवा में प्रदूषण का बढ़ना चिंताजनक है जो स्वास्थ्य पर खतरे को लेकर आगाह करता है

खराब सड़कों से उड़ रहे धूल के हवा में घुलने और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक सूक्ष्म कण सांस के जरिए फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं।

ध्वनि प्रदूषण को देखें तो साठ से अधिक डेसिबल भी ध्वनि को शोर या प्रदूषण माना जाता है।त्योहारों पर पर्यावरण के अनुकूल पटाखे का उपयोग करना चाहिए!

ज्यादा शोर करने वाले पटाखों का असर इंसानों के अलावा पशु-पक्षियों और छोटे बच्चों पर होता हैध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए स्कूल-कॉलेज की बाउंड्री पर फेंसिंग, मेहंदी की झाड़ी या पेड़ ज्यादा लगाना चाहिए।

सड़कों के किनारों के दोनों और हरे वृक्ष लगाने से ध्वनि की तीव्रता को कम किया जा सकता है। वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने का संकल्प लेने की जरूरत है, ताकि लोग स्वस्थ रह सकें।